हिमाचल के जिला कांगड़ा स्थित टांडा मेडिकल कालेज (TMC) में एक बार फिर रैगिंग का जिन्न जागा है। TMC में MBBS के आठ सीनियर ट्रेनी डाक्टरों ने नए बैच के ट्रेनी डाक्टरों की रैगिंग कर डाली है। बताया जा रहा है कि सीनियरों ने जूनियर ट्रेनी (Trainees) को कुछ असाइनमेंट दी थीं, जिन्हें करने से इन्होंने मना कर दिया।
तीन महीनों के लिए क्लासेज से किया गया निष्कासित
इसके बाद सीनियर ट्रेनी डाक्टरों ने जूनियरों के कपड़े उतरवा दिए और उनकी रैगिंग की। मामला बीते रविवार का है। घटना के बाद जूनियर सहम गए, लेकिन दो ट्रेनी डाक्टरों ने हिम्मत जुटाकर टांडा मेडिकल कॉलेज प्रशासन व प्रिंसिपल कार्यालय में मामला दर्ज करा दिया है। प्रशासन ने फौरन एंटी रैगिंग कमेटी में इस मामले को रखा तथा रैगिंग करने वाले MBBS बैच 2020 व 2022 के आठ ट्रेनी डाक्टरों पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया और उन्हें तीन महीनों के लिए क्लासेज से निष्कासित करने के साथ- साथ छह महीनों के लिए होस्टल से भी निष्कासित कर दिया। 50 हजार की जुर्माना राशि को सात दिनों के भीतर जमा करने के आदेश दिए गए हैं।
होस्टल में रैगिंग के दौरान पिटाई
अगर जूनियर ट्रेनी डाक्टर प्रशासन से शिकायत न करते, तो यह मामला बिगड़ भी सकता था। हैरान कर देने वाली बात है कि पूरे भारत को झकझोर देने वाले अमन काचरू प्रकरण के बाद भी टीएमसी में ऐसा रैगिंग का मामला सामने आया है। तब सात मार्च, 2009 को टीएमसी में MBBS फर्स्ट इयर के 19 साल के ट्रेनी डॉक्टर अमन काचरू को होस्टल में रैगिंग के दौरान उसके सहपाठियों संग चार स्टूडेंट ने बुरी तरह पीट दिया था। पिटाई से वह घायल हो गया जिसके बाद उसे अस्पताल में एडमिट करा दिया गया है।