केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.मांडविया ने गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा को किया सम्बोधित

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.मांडविया ने गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा को किया सम्बोधित

गैर संचारी रोगों के प्रभावों पर जोर देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गई है, जिससे दुनिया भर में लगभग 74% मौतें होती हैं, भारत में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी जा रही है। जहां यह सभी मौतों का 63% है। गैर संचारी रोंगो की इस महामारी का व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है तथा स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर भी भारी दबाव पड़ता है।

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल  पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र का आज एक वीडियो संदेश के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र की अंतर-एजेंसी टास्क फोर्स के मित्रों की वार्षिक बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि  “भारत  गैर संचारी रोगों (एनसीडी)  की रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध है, डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के वैश्विक प्रयासों की सराहना करता है । टेलीमेडिसिन, मोबाइल स्वास्थ्य एप्लिकेशन और डेटा एनालिटिक्स रोगी की देखभाल तक पहुंच निगरानी और मूल्यांकन की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। 

एनसीडी के प्रभाव पर जोर देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एनसीडी एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गई है, जिससे दुनिया भर में लगभग 74% मौतें होती हैं, भारत में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी जा रही है। जहां यह सभी मौतों का 63% है।  गैर संचारी रोंगो की इस महामारी का व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है तथा स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर भी भारी दबाव पड़ता है।

इसके अलावा, एनसीडी को खत्म करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, “भारत ने सामान्य एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक राष्ट्रीय बहु-क्षेत्रीय कार्य योजना विकसित की है। जो बहु-क्षेत्रीय प्रयासों का मार्गदर्शन करने के लिए एक रोड मैप और नीतियों का विकल्प प्रदान करेगी  । एनसीडी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) लागू किया जा रहा है। जिसमें  क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अस्थमा, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, स्ट्रोक, एसटी-एलिवेटेड , क्रॉनिक किडनी डिजीज को जोड़ा गया है। 

एनपी-एनसीडी रणनीति में "2025 तक उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 75 मिलियन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा । एनसीडी के लिए व्यक्तिगत स्क्रीनिंग और उपचार अनुपालन की रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल के माध्यम से प्राथमिक स्तर पर जानकारी दर्ज होती है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए, एक एकल आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या (एबीएचए-आईडी) बनाया जा रहा है। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर जोर देते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारत सभी के लिए स्वास्थ्य और कल्याण की कामना करता है , इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, आयुष्मान भारत योजना द्वारा स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) शुरू किए गए हैं,  जो पाँच सामान्य एनसीडी यानी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मौखिक कैंसर, स्तन कैंसर ,गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम, स्क्रीनिंग, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए जनसंख्या-स्तरीय हस्तक्षेप की पेशकश करते हैं। 

स्वस्थ रहने के लिए नियमित योग सत्र, ज़ुम्बा सत्र, वॉकथॉन, साइक्लोथॉन आदि पहल की शुरुआत हुई है ,सही प्रकार के भोजन उपभोग के लिए “ईट राइट इंडिया” और व्यायाम के लिए “फिट इंडिया” जैसी अन्य पहल राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गईं  हैं।”, उन्होंने कहा  हाल ही में सभी  गावों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को पहुंचाने के लिए आयुष्मान भव पहल शुरू की गई है , ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य सेवाएं अंतिम छोर तक पहुंचें समाज में सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच संभव हो सके।

उन्होंने बताया कि भारत में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अस्पतालों में भर्ती के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है। जिसमें प्रति वर्ष , प्रति परिवार 5 लाख रुपये का कवरेज प्रदान किया जाता है। एनसीडी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं।


Sep 24 2023 12:27PM

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