उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में राधा अष्टमी पर्व के आरंभ होते ही करीब 40 हजार श्रद्धालु डल झील में आस्था की डूबकी लगा चुके है। पिछले 24 घंटों के भीतर डल झील में पवित्र स्नान करने वालों का आंकडा अनुमानित एक लाख से पार कर गया। लिहाजा शुक्रवार को संचूई के शिव चेलों ने डल तोडऩे की परंपरा निभाने के साथ ही मणिमहेश यात्रा में राधा अष्टमी का शाही स्नान भी आरंभ हो गया है। शनिवार दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक राधाअष्टमी के शाही स्नान का शुभ मुहूर्त रहेगा।
जानकारी के अनुसार मणिमहेश यात्रा में डल तोडऩे की परंपरा का निर्वाहन करने के लिए संचूई के शिव चेले शुक्रवार दोपहर को मणिमहेश पहुंचे। जहां पर सबसे पहले शिव चेलों ने डल झील की परिक्रमा की। तदोपरांत कार्तिक स्वामी के चेले की अनुमति के बाद शिव चेले भगवान भोले नाथ के जयकारे लगाते हुए डल झील में कूद पड़े और देखते ही देखते वह इसे आर-पार कर गए। -एचडीएम
आज दोपहर तक चलेगा पवित्र स्नान
मणिमहेश न्यास के सदस्य सचिव एवं एसडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने कहा कि शाही स्नान में करीब 40 हजार भक्तों ने डल झील में पवित्र स्नान किया है। पिछले 24 घंटों में डल झील पर पहुंच स्नान करने वालों का अनुमानित आंकडा 70 हजार के करीब रहा है। राधाअष्टमी का पावन स्नान 23 सिंतबर यानी शनिवार दोपहर तक चलेगा।
सदियों से चली आ रही परंपरा
लिहाजा सदियों से चली आ रही डल तोडऩे की इस परंपरा का नजारा देखने के लिए डल झील पर हजारों की संख्या में श्रद्वालुओं की भीड़ उमड़ी रही। इस अदभुत, अलौकिक और अविश्वसनीय नजारे का उपरांत डल झील में राधाअष्टमी के शाही स्नान का भी विधिवत रूप से आगाज हो गया। इस दौरान पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से आई छडिय़ों के अलावा अन्य छडिय़ों व इनके साथ आए साधु-संतों, शिव गूरों और यात्रियों ने डल झील में पवित्र स्नान किया।