हिमाचल में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और वानिकी विश्वविद्यालय सोलन में कुलपति की नियुक्ति अब राज्य सरकार करेगी। इससे पहले वर्तमान कानून में यह अधिकार सिर्फ राज्यपाल तक सीमित था और इस कमेटी में राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि भी नहीं होता था। इस बदलाव को लेकर हिमाचल सरकार ने बुधवार को विधानसभा में हिमाचल प्रदेश कृषि, उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2023 रखा है। इसे इसी मानसून सत्र में चर्चा के बाद पारित किया जाएगा। इसके बाद राज्यपाल की मंजूरी से यह लागू होगा। इस संशोधन विधेयक में 1986 में बने कानून में बदलाव किया जा रहा है। यह कानून कृषि और वानिकी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्तियों को लेकर था।
इस कानून की धारा 2, 23 और 24 में बदलाव किया जा रहा है। कानून बनाने की शक्ति राज्य सरकार में लेने के लिए एक नई धारा 55ए भी जोड़ी जा रही है। मुख्य बदलाव यह है कि अब कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति यानी राज्यपाल सरकार की सहायता और सलाह पर ही करेंगे। यह नियुक्ति सिर्फ गवर्नर करते थे और चयन समिति में राजभवन के अलावा यूजीसी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नॉमिनी ही शामिल होते थे, जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और मंडी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार का भी एक मेंबर सर्च कमेटी में होता है।
13 पुराने कानून हटाएगी हिमाचल सरकार
हिमाचल सरकार ने 13 पुराने कानून पूरी तरह हटाने का फैसला किया है। इसके बारे में विधानसभा में हिमाचल प्रदेश रिपीलिंग बिल 2023 रखा गया है। इसमें उन कानून की लिस्ट भी लगाई गई है, जिन्हें रिपील किया जा रहा है। इनमें वर्ष 1982 से 2008 तक के कानून हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एक्ट 2008, हिमाचल प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल एक्ट 2003, हिमाचल प्रदेश प्रोटेक्शन ऑफ़ इंटरेस्ट ऑफ़ डिपॉजिटर्स एक्ट 1999, हिमाचल प्रदेश प्रिजर्वेशन ऑफ़ फारेस्ट एंड मेंटेनेंस का सप्लाई ऑफ़ फारेस्ट बेस्ड एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट 1984, द पंजाब प्रोफेशन ट्रेड एक्ट 1968, द पंजाब लेबर वेलफेयर फंड एक्ट 1965, द हिमाचल प्रदेश प्राइवेट फॉरेस्ट एक्ट 1954, द पंजाब तंबाकू वेंडस फीस एक्ट 1953, द एग्रीकल्चरिस्ट लोन एक्ट 1884 और द प्रेसीडेंसी स्मॉल कॉज कोर्ट एक्ट 1882 शामिल है।